क्या है 251 फ्रीडम स्मार्टफोन के इतना सस्ता होने का राज..?
सभी को पता है कि मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता. जाहिर है सस्ता भी कुछ नहीं होता। अब सितंबर 2015 में बनी नोएडा के सेक्टर 63 स्थित रिंगिंग बेल्स कंपनी दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन लेकर आ रही है। पूरी दुनिया में इस पर बहस छिड़ गई है कि जब मैन्यूफैक्चरिंग का बादशाह चीन भी इतना सस्ता स्मार्टफोन नहीं ला सका, तो कैसे भारत ऐसा कर पा रहा है। हमने इस बारे में कई स्त्रोतों और विशेषज्ञों से पुख्ता जानकारी हासिल की और आपको बताते हैं कि क्यों यह स्मार्टफोन इतना सस्ता है। इस मोबाइल को लॉन्च करने और हर हाथ तक पहुंचाने के पीछे तमाम वजहें हैं। -पहली वजह यह कि इस मोबाइल के निमार्ण के पीछे भारत सरकार का हाथ है.
डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने की दिशा में यह स्मार्टफोन मील का पत्थर साबित होगा।
- सरकार ने इस मोबाइल में प्रीइंस्टॉल्ड सरकारी ऐप यानी पहले से ही ऐप इंस्टॉल कर रखे हैं। इनमें स्वच्छ भारत, वीमेन सेफ्टी, फिशरमैन, फार्मर, मेडिकल जैसे ऐप शामिल हैं। यानी इन्हें मोबाइल से हटाया या डिलीट नहीं किया जा सकता। फेसबुक-व्हाट्सऐप जैसे प्रीइंस्टॉल्ड ऐप भी दिए गए हैं जो इसे सोशल मीडिया के लिए भी बेहतर बनाएंगे। -इन ऐप का मतलब कि इन योजनाओं से जुड़ी जानकारी लोगों तक पहुंचेगी और लोगों से जुड़े आंकड़े सरकार तक पहुंचेंगे।
-इस मोबाइल की बिक्री अधिकांश भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल इंडिया से जोड़ देगी। यानी सरकार के पास इतने लोगों तक अपनी पहुंच आसान करने और उन पर नजर रखने का मौका हो जाएगा।
-सरकार अपनी योजनाओं के लिए विज्ञापन जारी करने की रकम का अगर कुछ हिस्सा इस योजना में खर्च कर देती है तो भी यह हर तबके के लोगों तक सीधे पहुंच बना लेगी। -मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी सरकार के जरिए इस हैंडसेट निमार्ण में मदद कर सकती हैं. क्योंकि सीधी सी बात है कि जितने ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स होंगे उतने ही ज्यादा इन सर्विस प्रोवाइडरों के पास ग्राहक होंगे। रिलायंस, एयरटेल, वोडाफोन, टाटा जैसी कंपनियों को स्मार्टफोन यूजर्स बढऩे से ज्यादा ग्राहक मिलेंगे।
- फेसबुक भी देश के हर वर्ग और भारी जनसंख्या तक पहुंच बनाने के लिए सरकार को इस सस्ते हैंडसेट निमार्ण में निवेश करने के लिए मदद कर सकती है.
सभी को पता है कि मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता. जाहिर है सस्ता भी कुछ नहीं होता। अब सितंबर 2015 में बनी नोएडा के सेक्टर 63 स्थित रिंगिंग बेल्स कंपनी दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन लेकर आ रही है। पूरी दुनिया में इस पर बहस छिड़ गई है कि जब मैन्यूफैक्चरिंग का बादशाह चीन भी इतना सस्ता स्मार्टफोन नहीं ला सका, तो कैसे भारत ऐसा कर पा रहा है। हमने इस बारे में कई स्त्रोतों और विशेषज्ञों से पुख्ता जानकारी हासिल की और आपको बताते हैं कि क्यों यह स्मार्टफोन इतना सस्ता है। इस मोबाइल को लॉन्च करने और हर हाथ तक पहुंचाने के पीछे तमाम वजहें हैं। -पहली वजह यह कि इस मोबाइल के निमार्ण के पीछे भारत सरकार का हाथ है.
डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने की दिशा में यह स्मार्टफोन मील का पत्थर साबित होगा।
- सरकार ने इस मोबाइल में प्रीइंस्टॉल्ड सरकारी ऐप यानी पहले से ही ऐप इंस्टॉल कर रखे हैं। इनमें स्वच्छ भारत, वीमेन सेफ्टी, फिशरमैन, फार्मर, मेडिकल जैसे ऐप शामिल हैं। यानी इन्हें मोबाइल से हटाया या डिलीट नहीं किया जा सकता। फेसबुक-व्हाट्सऐप जैसे प्रीइंस्टॉल्ड ऐप भी दिए गए हैं जो इसे सोशल मीडिया के लिए भी बेहतर बनाएंगे। -इन ऐप का मतलब कि इन योजनाओं से जुड़ी जानकारी लोगों तक पहुंचेगी और लोगों से जुड़े आंकड़े सरकार तक पहुंचेंगे।
-इस मोबाइल की बिक्री अधिकांश भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल इंडिया से जोड़ देगी। यानी सरकार के पास इतने लोगों तक अपनी पहुंच आसान करने और उन पर नजर रखने का मौका हो जाएगा।
-सरकार अपनी योजनाओं के लिए विज्ञापन जारी करने की रकम का अगर कुछ हिस्सा इस योजना में खर्च कर देती है तो भी यह हर तबके के लोगों तक सीधे पहुंच बना लेगी। -मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी सरकार के जरिए इस हैंडसेट निमार्ण में मदद कर सकती हैं. क्योंकि सीधी सी बात है कि जितने ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स होंगे उतने ही ज्यादा इन सर्विस प्रोवाइडरों के पास ग्राहक होंगे। रिलायंस, एयरटेल, वोडाफोन, टाटा जैसी कंपनियों को स्मार्टफोन यूजर्स बढऩे से ज्यादा ग्राहक मिलेंगे।
- फेसबुक भी देश के हर वर्ग और भारी जनसंख्या तक पहुंच बनाने के लिए सरकार को इस सस्ते हैंडसेट निमार्ण में निवेश करने के लिए मदद कर सकती है.
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